जसुली लला ,जसुली बुड़ी या जसुली शौक्याणी
हम जी कर क्या करेंगे! ****************** जब दिल ही टूट गया ? ****************** # भले ही आपने यह गीत स्वर्गीय कुन्दन लाल सहगल साहब की आवाज में सुना हो। शौक्यानी दांतू गाँव के अन्तरात्मा में भी यह बोल उस समय नहीं आया था। मैं अपनी यायावरी तो नहीं सेवानिवृत्ति के आखिर के दिनों में मुन्स्यारी की यात्रा पर अपने शुभचिंतक श्री जगदीश सिंह खाती और श्रीमती मधुसनवाल , ...