जवान की देखभाल
जवान की देखभाल करना ***************** कभी रोटी कभी बेटी , कभी घरनी कभी मायका, कभी ससुराल कभी जायका, सबसे हटकर खेत खलिहान। सबसे रखवाली कर रहा जवान, सीमा पर निशिदिन खड़ा वीर महान । बकझक भूल के, याद कर लिया करना । वह साजे देश का सिंगार, आप सुहाग में भेजें प्यार, नाम उसके भी, बकझक भूल के, जल पी लिया करना। रात उसकी भी , दिन उसका भी , बकझक भूल के, हर क्षण जाप लिया करना। पर्वत की चोटी, देख रहा नौनिहाल, बकझक भूल के, माथसंवार कभी कर लिया करना। कभी साज से , कभी सिंगार से , बकझक भूल के, देशरक्षक को निहार लिया करना। मन मजबूती से संभाल लिया करना। कभी रोटी कभी बेटी, कभी पीहर कभी जायका, सब छोड़ जवान की देखभाल करना। बकझक भूल के, मनोबल की तान और मान रखना ।। मन की मजबूती संभाल करना ।। *********