Chandra Dev Se Meri Baten -Bang Mahila(RajendraBalaGHosh)
चन्द्रदेव से मेरी बातें – बंग महिला (राजेन्द्र बाला घोष) भगवान चंद्रदेव ! आपके कमलवत् कोमल चरणों में इस दासी का अनेक बार प्रणाम | आज मैं आपसे दो चार बातें करने की इच्छा रखती हूँ | देखो , सुनी अनसुनी सी मत कर जाना | अपने बड़प्पन की ओर ध्यान देना | अच्छा , कहती हूँ , सुनों | मैं सुनती हूँ , आप इस आकाश मंडल में चिरकाल से वास करते हैं | क्या यह बात सत्य हैं ? यदि सत्य है , तो मैं अनुमान करती हूँ कि इस सृष्टि के साथ ही साथ अवश्य आपकी भी सृष्टि हुई होगी | तब तो आप ढेर दिन के पुराने , बूढ़े कहे जा सकते हैं | यह क्यों ? क्या आपका डिपार्टमेण्ट (महकमे) में ट्रांसफ़र (बदली)होने का नियम नहीं हैं ? क्या आपकी ' गवरमेण्ट ' पेंशन भी नहीं देती ? बड़े खेद की बात हैं ? यदि आप हमारी न्यायशीलता ' गवर्नमेण्ट ' के किसी विभाग में सर्विस (नौकरी) करते होते तो अब तक आपकी बहुत कुछ पदोन्नति हो गई होती | और ऐसी ' पोस्ट ' पर रहकर भारत के कितने ही सुरम्य नगर , पर्वत जंगल और झाड़ियों में भ्रमण करते | अंत में इस वृद्ध अवस्था में पेंशन प्राप्त क...