Benaras and River Ganga
बनारस और हमारी गंगा मईया 卐卐卐卐卐卐ॐ卐卐卐卐卐卐 समष्टिगत भावनाओं के बीच चराचर जगत् का सजीव जीवन वाला शहर बनारस विश्व की अनूठी मिसाल का है, सतत् घाटों की श्रृंखला का शहर, जहाँ मरने पर मोक्ष है, ज्ञान प्राप्त करने पर मोक्ष है, और सब कुछ ज्यों का त्यों त्यागने का पुण्य है, ऐसी सौहार्दपूर्ण भावना एक गमझाधारी, लुंगीधारी, पतलूनधारी से लेकर पायजामा और हाफ और फुल पोशाकधारी में सहज मिल जायेगी । पता नहीं क्या है, प्रसाद लेने से ज्यादा पानी का आचमन करने की भीड़ रखने वाले संकटमोचन में जाने के बाद पता चलता है कि तुलसी बाबा को यहाँ का पानी क्यों रास आया, इतनी मिठास कि पाचन शक्ति मजबूत ही नहीं अपनी ओर आकर्षित करने की क्षमतावान भी है । ऐसे ही शहर में पिंगसन साहब को गंगा और घाट के किनारे का जीवन समझने में बनारस समझ आया कि रईसी क्या होती है और ठाठ क्या होता है । मैंने अपने बचपन के पृष्ठ को देखकर सोचा आखिर हम भी तो बहुत दूर निकल आये अपने लोग चना चबेना गंग जल जो देवै करतार काशी कबहु न छोड़िये विश्वनाथ दरबार इस भाव को सहेजने में लगे हुए है । लोग भले शहर में नया पत्थर लगा दें, पूजा...