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चन्द्रभूषण त्रिवेदी यानि रमई काका

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  चन्द्र भूषण त्रिवेदी यानि रमई काका                   उत्तरप्रदेश में अवधी भाषा के लिये चन्द्र भूषण त्रिवेदी यानि रमई काका का नाम रेडियो प्रसारण के क्षेत्र में प्रसिध्द है   ,  रमई काका अवधी साहित्य के भूषण थे । उत्तर प्रदेश का उन्नाव जनपद साहित्यकारों का जनपद रहा है  ,  इनमें बलभद्र प्रसाद दीक्षित  “  पढ़ीस  ” ,  पण्डित वंशीधर शुक्ल  ,  त्रिलोचन शास्त्री  , जैसे धुरंधर अवधी के विद्वान    इस जनपद में ख्याति प्राप्त कर चुके थे और इन लोगों की त्रयी भी थी जो     बलभद्र प्रसाद दीक्षित  “  पढ़ीस  “ , पण्डित वंशीधर शुक्ल  ,  और रमई काका के नाम की थी  , हांलाकि आचार्य महावीर बाबू , सुमित्रा कुमारी , और खगनियां का नाम पहले से ही प्रसिध्द था  , अन्य लोगों में काका बैसवारी  , पारस नाथ मिश्र  “ भ्रमर ” , जुमई खां  “ आजाद ” ,  विकल गोण्डवी ,  लवकुश दीक्षित  , फ़ारुक़ सरल  , भी थे  |                  अवधी का दुःखद पक्ष यह रहा कि अवध में   जोगी   और   भरथरी साहित्य का अभाव हो गया   ,  प्रेम कथा साहित्य मात्र ही रह गयी  ,  जिसके फलस्वरूप अवधी भाषा और विभाषा के बीच पलने लगी  , पश्चिमोत्तर अवधी को गाज