आचमन
आचमन
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कल्पों
से ,
पुरोहित ,यज्ञ
आहुति से ,
ब्रह्माण्ड
शोधित कराने ,
प्रौक्षणि
से यजमान को ,
करा
रहा आचमन ,
प्रकृति
पुरुष प्रणम्य ,
आचमन
आधृत,
तप-
आतप ,
धन्य
भुवन ।
विनायक
साक्षी,
विघ्न
शमन ,
धार कर
मध्य ,
अमृत
आचमन ,
भास्वर
जीवन ।
जल्पों
में तकता ,
एकाकी
मन ।
शुध्द
हो गया ,
गगन
आँगन ।
शुध्दि को
तरसता ,
चिरन्तन
।
मन्वन्तर
में होता,
आचमन ,
तन
लगता दूषित वसन ।
तृषित
गल्प जीवन-मरण ,
नीर तज
नहीं सकता नयन ,
वेदिका
पर हो रही ,
प्रदक्षिणा
जल सुमन ,
अक्षर
बन सत्पथ गमन ।
जाह्नवी नीर सम जीवन ,
पुरोहित
यजमान
का मिलन ,
प्रकृति-पुरुष
का आचमन ।
अमृत
-मंथन ,
विकल्प
छोड़ संकल्प को करते नमन ,
शुध्दि
बोध मंगल बूँद से सघन ,
सरस
जीवन तन औ मन ।
कर लो
स्वच्छ निर्मल आचमन ,
जीवन
बगिया सुघर बन जाय उपवन ,
पुरोहित
यज्ञ
आहुति शुध्दि का ,
आचमनी
से करा रहा आचमन ,
अमृत
-मंथन ,
विकल्प
छोड़ संकल्प को करते नमन ।
याचना
कर रहा जीव अल्प है जीवन,
पुरोहित ,
परमात्म
का करा रहा आचमन ,
शुध्दि
बोध मंगल बूँद से सघन ,
सरस
जीवन तन औ मन ।
विकल्प
छोड़ संकल्प को करते नमन ।
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