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पाताल भुवनेश्वर मन्दिर -पिथौरागढ़-उत्तराखण्ड

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उत्तराखण्ड  ,  कुमाऊं मंडल के प्रसिद्ध नगर अल्मोड़ा जनपद के रामगंगा और सरयू नदी के मध्य लगभग एक हज़ार तीन सौ पचास मीटर की उंचाई पर देवदार के घने वनों के बीच से चितई स्थित गोलज्यू देव मन्दिर मार्ग से आकाशवाणी अल्मोड़ा की टीम के साथ जाने का सौभाग्य मिला  ,  धौली देवी गरुडाबाज़ स्थित  1950  मीटर की उंचाई पार करते हुए घोर भूस्खलन क्षेत्र शेराघाट पुल पार करते हुए  160  किलोमीटर की दूरी तय कर पहाड़ीवादियों के बीच बसे सीमान्त कस्बे राईआगर  , गंगोलीहाट से दाहिनी ओर घूम कर गन्तव्य पहुंचे  | पाताल भुवनेश्वर देवदार के घने जंगलों के बीच एक भूमिगत गुफ़ा है  ,  जिसमें से एक बड़ी गुफ़ा के अंदर आदि गुरु शंकाराचार्य की प्राण प्रतिष्ठा से यहाँ शिवलिंग स्थापित है । यह संपूर्ण परिसर  2007  से भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा अधिकृत किया गया है  |  पाताल भुवनेश्वर गुफ़ा किसी आश्चर्य से कम नहीं है । यह गुफा प्रवेश द्वार से  160  मीटर लंबी और  90  फीट गहरी है । पाताल भुवनेश्वर की मान्यताओं के अनुसार  ,  इसकी...

Street fruits in Almora.

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बेडू पाको बारह मासा नरण काफल पाको चैत मेरी छैला ♧♧♧♧♧♧♧♧♧♧♧♧♧♧♧♧♧ यह कुमाऊँ की वादियों में गूंजने वाला लोक गीत बारह महीने पकने वाले अंजीर (तीमल भी बेड़ू जैसा होता है लेकिन दोनों साथ नहीं खाना चाहिए ) को याद कर के काफल जो चैत (चैत्र महीने में) फलती है अपनी नरणी(देवी)से कहता है पुरुष का प्रकृति से प्रेम मानवीय रुप रोचक है इसके रचनाकार श्री ब्रजेन्द्र लाल शाह है ,आखिर उत्तराखण्ड का श्रृंगार पक्ष इतना सशक्त है कि मेरे जैसा परदेसी हर पल वही भटकता है ।  ऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽ यह कहा जाय कि मेरा अल्मोड़ा  आकाशवाणी केन्द्र का प्रवास निरर्थक रहा तो ऐसा नहीं था, बहुत कुछ हमने समीप जाकर इस जड़ी-बूटी प्रधान जनपद को अपने अभिन्न सहयोगी श्रीमती मधु सनवाल और श्री जगदीश सिंह खाती जी से समझ सका आकाशवाणी और स्थानीय लोगों से जनसंपर्क भी बना सका । रंग बिरंगे पर्वत को देखकर जिज्ञासावश प्रश्न अनुत्तरित नहीं रहे । इसी क्रम में जब महतगाँव और कोसी हवालबाग की ओर गये तो कटारमल का सूर्य मंदिर भी देखा वही  मेलू या मेहल जंगली सेब, को घने जंगलों के साथ पाया, इसी के साथ लाल सेब जैसे छोट...

हिप्पी आन्दोलन या क्रैक रिज, या नासा प्वाइंट 8

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 क्रैक रिज़ ,नासा प्वाइंट 8 या हिप्पी आन्दोलन या फिर कसार देवी का मंदिर:वैश्विक तीर्थ ही है ! ****************************************** यह मेरे अल्मोड़ा उत्तर प्रदेश या उत्तराखण्ड जानें का या पोस्टिंग का कोई नया अवसर नहीं है, लगभग ढाई वर्ष पहले जब यह पता चला कि शारदीय नवरात्रि के समय ऑफिस में कुछ लोग अवकाश मांग रहें हैं कि उन्हें कसार देवी मंदिर जाना है, उत्सुकता मुझे भी हुई लगभग 27 वर्ष पूर्व वहाँ जाना हुआ था, लेकिन आज की उत्सुकता का कारण मुझे भी नहीं मालूम था । अन्ततः मैंने चन्द्रवल्लभ तिवारी से पूछा कि क्यों जा रहे हो । उसने कुमाऊंनी हिन्दी में बतलाया कि माँ कात्यायनी देवी का दर्शन बहुत ही पुण्य दायक होता है,जिज्ञासा मानवीय स्वभाव है, प्रश्न और किया हमारे इस आकाशवाणी अल्मोड़ा केन्द्र से क्या दूरी होंगी, उसने जानकारी दी बागेश्वर जाने वाले रास्ते पर ही यहाँ से आठ किलोमीटर से कम है, मैंने सुझाव दिया देवी के दर्शन सुबह करो तो अच्छा है, छुट्टी भी बचेगी और पुण्य भी मिलेगा,लेकिन बात मेरे मन में रह गयी कि भीड़ का समय समाप्त होने के बाद अवश्य ही कसार देवी के माँ कात्यायनी देवी मंदिर दर...