गीत क्या लिखें
🌺🌻गीत क्या लिखें 🌻🌺 गीत क्या लिखें सब मीत ही तो है, मीत क्या लिखें सब प्रीत ही तो है। पुष्प क्या बखाने सब मधुमास ही सुहाते है । राह क्या लिखें सब गुमराह ही कर जाते है। सुख क्या लिखे सब प्रेम राह भटक जाते है। गीत क्या लिखें सब मीत ही तो है, मीत क्या लिखें , सबसे प्रीत ही तो है ।। देव दनुज कौन किसको कितना सुहाते है। कोई धरती कोई बांसुरी सब तोड़ जाते है । गीत क्या लिखें ,मनमीत नाम बस लिख जाते है। नदियां भी कल-कल कर चली जाती है। गीत क्या लिखें, सब मीत ही तो है, मीत क्या लिखें , सबसे प्रीत ही तो है।। राह क्या लिखें सब गुमराह कर जाते है। सुख क्या लिखे , सब प्रेम राह भटक जाते है । पेड़ों डार-पात सर-सर का बयार दे जाते है। नैंने बेचैन लजाते ,मनवा ऑसूं भरे रह जाते है। मीत क्या लिखे सब प्रीत अधूरे रह जाते है। प्यास कुछ पल आस दूसरी चाह मांग जाते है। राह क्या लिखें , सब गुमराह कर जाते है। सुख क्या लिखे प्रेम राह भटक जाते है। गीत क्या लिखें सब मीत ही तो है, मीत क्या ...